5 Tips about maha kali kavach You Can Use Today

ॐ अस्त्र श्री काली कवचस्य भैरव ऋषिर्गायत्री छंदः, श्री काली देवता सद्य: शत्रु हननार्थे पाठे विनियोगः ।

बैरिनाशाय वन्दे ताँ कालिकाँ शंकर प्रियाम् ।

ह्रीं ह्रीं के स्वरूप में तथा ह्रीं ह्रीं हूं के स्वरुप में और ह्रीं ह्रीं क्षें क्षें केस्वरुप में वे देवी सदा ही शत्रुओं को विदीर्ण करती हैं। श्रीं ह्रीं ऐं रूपिणी देवी भवबन्धविमोचिनी।

मां काली की स्तुति करने पर निद्रा से जागे भगवान विष्णु

In case the merchandise is just not returned in its first issue, the customer is responsible for any decline in benefit. Return & Trade window 21 times You may have 21 times from merchandise shipping and delivery to ship this item back to the seller. Ships from India Fulfill your vendor Delighted

महाकाली हमारे हिंदू धर्म में पूजे जाने वाली एक प्रमुख देवी है. माता भगवती जो कि एक अत्यंत सुंदर देवी है दुर्गा मां उन्हीं का एक अत्यंत उग्र और काला स्वरूप है जिन की उत्पत्ति सिर्फ और सिर्फ इस संसार से दुष्ट और पापी राक्षसों के नाश के लिए हुई है.

देवी ने कहा- हे देवों के देव, हे देवों को मोक्ष देने वाले प्रभु, हे महाभाग! जो यद्यपि गुप्त है, वह रहस्य मुझे बताइये जिससे प्राणों की रक्षा और शत्रुओं का नाश हो, हे अतुल्य परमेश्वर मैं आपसे सुनना चाहती हूँ.

Skip to primary articles We're combating for the future of our library in court. Present your help now!

भूमौ शत्रून् हीनरूपानुत्तराशिरसस्तथा ।

  website ह्रीं ह्रीं के रूप में देवी सदा शत्रुओं का हरण करें। जिसने शुम्भ दैत्य और निशुम्भ महासुर का नाश किया, शत्रुओं के नाश के लिए उन शंकर की प्रिय कालिका की [मैं] वंदना करता हूँ। ब्राह्मी शैवी वैष्णवी च वाराही नारसिंहिका।

किसी कठिन समय जब व्यक्ति सभी ओर से हताश हो जाता है उस स्थिति में वह देवी के चरणों में जाता है। माता का व्रत रखने के लिए शनिवार माँ काली का दिन शुभ माना जाता है। नवरात्रि में जिन नियमों का पालन किया जाता है वही नियम काली माता के व्रत में मानने चाहिए।

नवरात्र के दूसरे दिन मां के जिस रुप की पूजा होती है वह है ब्रह्मचारिणी.

इति ध्यात्वा महाकालीं ततस्तु कवचं पठेत्।।

हमारे समाज में अक्सर यह कहा जाता है कि मां काली की उपासना या पूजा तांत्रिक अघोरी यह सन्यासी ही करते हैं क्योंकि मां काली की उपासना बहुत कठिन होती है और इसमें बहुत संयम की आवश्यकता होती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *